एफपीओ क्या है (FPO Kya Hai)
किसान उत्पादक संगठन क्या है?
किसान उत्पादक संगठन, असल में यह किसानों का एक समहू होता है, जो वास्तव में कृषि उत्पादन कार्य में लगा हो और कृषि व्यावसायिक गतिविधियां चलाने में एक जैसी धारणा रखते हों, एक गांव या फिर कई गांवों के किसान मिलकर भी यह समूह बना सकते हैं। यह समूह बनाकर संगत कंपनी अधिनियम के तहत एक किसान उत्पादक कंपनी के तौर पर पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से जहां किसान को अपनी पैदावार के सही दाम मिलते हैं, वहीं खरीदार को भी उचित कीमत पर वस्तु मिलती है। वहीं यदि अकेला उत्पादक अपनी पैदावार बेचने जाता है, तो उसका मुनाफा बिचौलियों को मिलता है। एफपीओ सिस्टम में किसान को उसके उत्पाद के भाव अच्छे मिलते हैं, उत्पाद की बर्बादी कम होती है, अलग-अलग लोगों के अनुभवों का फायदा मिलता है।
एफपीओ से किसान को लाभ (Benefit From FPO)
• यह एक सशक्तिशील संगठन होने के कारण एफपीओ के सदस्य के रूप में किसनों को बेहतर सौदेबाजी करने की शक्ति देगी जिसे उन्हें जिंशो को प्रतिस्पर्धा मूल्यों पर खरीदने या बेचने का उचित लाभ मिल सकेगा।
• बेहतर विपणन सुअवसरों के लिए कृषि उत्पादों का एकत्रीकरण। बहुलता में व्यापार करने से प्रसंस्करण, भंडारण, परिवहन इत्यादि मदों में होने वाले संयूक्त खर्चों से किसानों को बचत।
• एफपीओ मूल्य संवर्धन के लिए छंटाई/ग्रेडिंग, पैकिंग, प्राथमिक प्रसंस्करण इत्यादि जैसे गतिविधियाँ शुरू कर सकता है जिससे किसनों के उत्पादन को उच्चतर मूल्य मिल सकता है।
• एफपीओ के गठन से ग्रीन हाउस, कृषि मशीनीकरण, शीत भण्डारण, कृषि प्रसंस्करण इत्यादि जैसे कटाई पूर्व और कटाई पश्चात संसाधनों के उपयोग में सुविधा।
• एफपीओ आदान भंडारों, कस्टम केन्द्रों इत्यादि को शुरू कर अपनी व्यवसायिक गतिविधियों को विस्तारित कर सकते हैं। जिससे इसके सदस्य किसान आदानों और सेवाओं का उपयोग रियायती दरों पर ले सकते हैं।
• सरकार इस संघठन का आंकलन करने के बाद 3 साल में 15 लाख रूपए देगी।
• किसान उत्पादक संघठन को २ करोड़ रूपए तक के कर्ज के लिए सरकार क्रेडट गार्रेंटी भी देगी।
किसान उत्पादक संगठन के उद्देश्य (Objectives Of FPO)
• यह लघु स्तर के उत्पादकों विशेष रूप से छोटे एवं सीमांत किसानों के समूहीकरण के उद्देश्य से बनाया गया ताकि किसानों के हितों का संरक्षण किया जा सके।
• किसानों को बीज, उर्वरक, मशीनों की आपूर्ति, मार्केट लिंकेजेज के संदर्भ में परामर्श एवं तकनीकी सहायता देना।
• किसानों को प्रशिक्षण, नेटवर्किंग, वित्तीय एवं तकनीकी परामर्श देना।
• किसानों को ऋण की उपलब्धता एवं बाछाार तक पहुँच सुनिश्चित करने के संदर्भ में उन चुनौतियों के समाधान का प्रयास करना, जिनका सामना छोटे और सीमांत किसान करते हैं।
एफपीओ में आवेदन करने के लिए संपर्क सूत्र
आमतौर पर कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा राज्यों में कार्यान्वित विभिन्न केन्द्रीय क्षेत्र योजनाओं के अंतर्गत एफपीओ को प्रोत्साहित किया जाता है। एफपीओ गठित करने के इच्छुक किसानों को विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित विभाग/ लघु कृषक कृषि व्यवसाय संगठन के निदेशक (ई- मेल: sfac@nic.in) से संपर्क कर सकते हैं।
किसान उत्पादक संगठन बनाने के लिए 11 किसानों का समूह होना जरुरी है।
समूह का कंपनी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन होगा।
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