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कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की जानकारी



कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग
को अगर आसान भाषा में समझें तो यह किसान और फसल के ख़रीददार के बीच का समझोता होता हैैl इसमें ख़रीदार किसान को फसल बोने के लिए कहता है और किसान से उस फसल की उपज को नियमत कीमत पर खरीदने का वायदा करता है l

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की कामयाब उदहारण 
1.National seed corporation दुबारा किसानों से  बीज उत्पादन कराना l
2.चिप्स के लिए किसानों से आलू उत्पादन कराना पश्मीं बंगाल में l
3.पोल्ट्री फार्मिंग का 66% कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में आता है l

इसमें सबसे बड़ी मुश्किल यह थी के फसल को बेचने के समय अगर फसल की कीमत कम होती थी तो खरीददार किसानों से कम कीमत पर फसल खरीदते थेl इस लिए केन्दर सरकार दुबारा इस पर अध्यादेश लाया गया है इस को तमिलनाडु की सरकार दुबारा सबसे पहले लागु किया गया है l

यह कानून किसान , किसान उत्पादक कम्पनियाँ और खरीददार को क़ानूनी सहयता देता है इस से यह कॉन्ट्रैक्ट में किये गए वायदे से हट नहीं सकते l




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